नमस्ते! आप सबके सामने अपना पहला लघु कथा संग्रह "Bonsai कथाएँ" लेकर उपस्थित हूँ। कुछ जिंदगियों के रोचक पन्ने है जो बाहरी दुनिया को नीरस लगते है पर यकीन मानिये पास से देखने पर उनकी खूबसूरती दिखती है, उनको यहाँ कैद करने की कोशिश की है। इंसान का अपने और अपनों के लिए संघर्ष हर जगह दिखता है, सबकी लडाई जन्म लेने से शुरू होकर मौत तक चलती रहती है। बल्कि मेरा तो ये मानना है की हर ज़िन्दगी पर रोचक महागाथा लिखी जा सकती है बस उसको और करीब से देखने की ज़रुरत है। 2007 मे काव्य-कहानी अंदाज़ मे कुछ कवितायेँ लिखी थी वो भी इन 17 रचनाओं मे शामिल है। कुछ पुरानी रचनाएँ ऐसी है जो पहले अनछुई सी थी और एकदम किसी बड़े बैनर की फिल्म बनने के बाद, या किसी राष्ट्रीय सुर्ख़ियों वाली घटना के बाद उनपर आम जनता का ध्यान गया ....जब पढने के बाद कोई यह कहता है की क्या आपने ये लेख, कहानी, कविता उस फिल्म की थीम पर बनायीं है ....तो मेरा जवाब यह है की मैने ये रचनाएँ उन फिल्मो, घटनाओ से 3-4 वर्ष पहले लिखी थी और मै हमेशा कोशिश करता हूँ कि अपनी लेखनी मे अनछुए पहलू जोडूँ ....बात बस इतनी सी है कि मेरे पास उस वक़्त इन रचनाओं को प्रचारित करने के लिए बड़ा बैनर नहीं था। लघु कथाओं के बारे मे नए लेखक और बहुत से पाठक सोचते है की ये एक-दो पैराग्राफ्स के अधूरे सीन्स होतें है, इसपर भी यही कहूँगा कि हर रचना की एक आत्मा होती है और अगर पाठक को वो आत्मा न महसूस हो तो चाहे आप हजारो पन्ने लिखो या 4 लाइन्स ...दोनों बराबर है। आशा है आपको यहाँ रचनाओं की आत्मा दिखे। कहानियों के साथ मे मेरे द्वारा खींची फोटोज लगायीं है, जिनका रचना के साथ एक छद्म सन्देश है।